Healing from corona disease besides medical treatment
Healing of corona inflammation by yog mudras and mantras
योग मुद्रा एवं मन्त्रों द्वारा कोरोना के प्रभाव को नियंत्रित करने के उपाय
कोविद १९ विश्व में एक गंभीर बीमारी के रूप में उभरी है। आज विश्व में लाखों लोग इस रोग से ग्रसित हैं। इस बीमारी का प्रभाव भी अभी कम होता नहीँ दिख रहा है। हालांकि चिकित्सक अब इस बीमारी के बारे में काफी कुछ जान गए हैं तथा मरीजों का इलाज भली भाँती कर पा रहे हैं।
यहाँ बताये गए सभी उपाय आपके चिकित्सक द्वारा किये जा रहे इलाज का विकल्प नहीं है। ये उपाय आपके शरीर को कोरोना द्वारा दिए घावों को शीघ्र भरने में सहायक हैं तथा उसके प्रभाव को कम करते हैं। यदि आप किसी कोरोना ग्रस्त रोगी के संपर्क में आये हैं तो यह उपाय रोग से आपका बचाव भी कर सकते हैं। अपने चिकित्सक की सलाह पर अमल करते रहें तथा उसे कभी भी नज़र अंदाज़ न करें।
योग के साथ साथ आपने योग मुद्राओं के बारे में भी अवशय सुना होगा। अपने दोनों हाथों की उँगलियों को हम एक विशेष स्तिथि में कुछ देर तक बनाये रखते हैं। इन मुद्राओं का शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
सर्व प्रथम जमीन पर दरी , आसन या कम्बल बिछा कर बैठ जाएं। सीधे जमीन पर न बैठें। आप आलती पालती मार कर, या सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में भी बैठ सकते हैं। इसे आप घर पर कर सकते हैं या अस्पताल के बिस्तर पर भी आराम से कर सकते हैं। अपने शरीर या मन में किसी भी प्रकार का तनाव न महसूस करें। शरीर को ढीला छोड़ दें। मस्तिष्क में भी अनर्गल विचारों का प्रवाह रोक कर शांत चित्त तरीके से बैठ जाएं।
इस मुद्रा को हम तीस मिनट तक कर सकते हैं या दिन में तीन बार दस दस मिनट के लिए करें।
सबसे पहले हम आदि मुद्रा बनायेगें। अपने अगूंठे को हथेली पर सबसे छोटी उंगली के आधार भाग (Base) पर रखें। अगूंठा हथेली को छूता रहे। अब अगूंठे के ऊपर बाकी उँगलियों को मोड़ कर मुठ्ठी बना दें। उँगलियों के अग्र भाग हथेली को छूतें रहें। दोनों हाथों में एक साथ इस मुद्रा को बनाएं। हाथोँ को अपनी गोद में, घुटनों पर या जाघों पर रख सकते हैं। हथेली नीचे की तरफ रहें। आखें बंद कर सामान्य सांस लेते रहें।
यह मुद्रा फेफड़ों के लिए अति उत्तम है तथा उसकी क्षमता को बढ़ाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है। आप ॐ का जाप भी कर सकते हैं।
समय समाप्ति के बाद मुठ्ठी को खोल दें। दोनोँ हथेलियों को रगड़ें तथा चेहरे एवं आँखों को ढक लें।
एक और मुद्रा पृथ्वी मुद्रा के बारे में अब मैं आपको बताऊंगा। इस मुद्रा के लिए अनामिका (Ring finger) तथा अगूंठे के सिरे (Tips)को आपस में मिला दें। अन्य उँगलियों को सीधा रखें। इसे भी आप सुखासन या पद्मासन में कर सकते हैं। दिन में तीन बार दस दस मिनट के लिए करें।
यह मुद्रा हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाती है।
वास्तु दिशा
वास्तु में दिशा का बहुत प्रभाव पड़ता है। रोगी की सभी दवाइयों को उत्तर उत्तर पूर्व दिशा (north north east) में एकत्रित रखें। सभी योग तथा योग मुद्राओं को पूर्व या उत्तर पूर्व में बैठ करने से शरीर पर पूर्ण असर पड़ता है।
मंत्र
आपको मैं एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र बता रहा हूँ
"कुंजिता पादम् शरणम्"
कुंजिता = कमल का फूल
पादम् = पैर
शरणम् = शरण में जाना
हम उनके (भगवान शिव) चरण कमलों पर समर्पण करते हैं। पूरी निष्ठा एवं भक्ति भाव से १०८ ही बार इस मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।
इस मंत्र का जाप आप किसी दूसरे व्यक्ति के लिए भी कर सकते हैं। जाप प्रारम्भ करने से पहले उसका नाम अपने मन में जरूर रखें। बीमार व्यक्ति के लिए भी उसकी तरफ से जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का स्वास्थय सम्बन्धी समस्याओं पर बहुत अच्छा प्रभाव है।
जप समाप्ति के बाद मुठ्ठी को खोल दें। दोनोँ हथेलियों को रगड़ें। आप अपने हाथोँ में ऊर्जा का अनुभव करेंगें। अब शरीर के उस भाग को हाथेलियों से ढक लें जो अस्वस्थ है। या हाथ जोड़ कर उनका नाम लें जिनके लिए आप ये जाप कर रहें हैं।
इसी प्रकार दुर्गा माता का मंत्र भी आप जप सकते हैं।
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'
Healing Number
ये कुछ नंबर होते हैं जो मंत्र की तरह काम करते हैं। इनको याद करलें तथा दिन में अपने मन में दुहराते रहें। अपने पानी पीने वाले गिलास अथवा बोतल पर भी इसे लिख सकते हैं।
कोरोना रोग हरने वाला नंबर है 87748973
इसे एक सफ़ेद रंग के कागज के ऊपर नीले रंग से लिख लें। इस कागज को अपने तकिये के नीचे रख दें। इसे आप तकिये के गिलाफ के अंदर भी रख सकते हैं। यह संख्या बहुत शक्तिशाली है। इससे शरीर को रोग नाशक ऊर्जा मिलती है।
स्वस्थ महसूस करने पर कागज को पेड़ पौधों में दबा दें।
श्रद्धा पूर्वक इक ओंकार सतनाम करता पुरख का जाप भी मन ही मन दिन भर कर सकते हैं।
इक ओंकार सतनाम करता पुरख
निर्मोह निर्वैर अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्तार
उखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल
अंत में एक सलाह कोविद या कोरोना का नाम बार बार न लें। बार बार नाम लेने से ये भी एक मंत्र बन जाता है और हमको नकारात्मक ऊर्जा देता है।
आशा है मेरे अनुभवों का लाभ आपको भी मिलेगा । परमात्मा से आपके तथा आपके परिवार के अच्छे स्वास्थय की कामना करता हूँ।
May God Bless You Always
मुझसे आप puneet265@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
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